राशियों का स्वभाव | यह है अप्पके राशि का स्वाभाव | Rashiyon Ka Swabhaav

राशियों का स्वभाव | यह है अप्पके राशि का स्वाभाव | Rashiyon Ka Swabhaav.. द्वादश राशियों में हर एक राशि एक तरह की स्वाभाव से प्रकटित होती है | जाती, संग्ना, तत्व, दिशा की अधिपत्य, वर्ण आदि. एक राशि का स्वाभाव माना जाता है | मेष राशि – पुरुष जाति, चरसंज्ञक, अग्नि तत्व, पूर्व दिशा […]

राशि अनुसार मंत्र | Rashi Anusar Mantra

राशि अनुसार मंत्र यहाँ प्रस्तुत किया हुआ है. यह मंत्र जाप करने से उस राशिवालों को जीवन के अनेक बाधाओं से छुटकारा मिलती है. दोस्तों इस संसार में हर व्यक्ति चाहता है कि से हर कार्य में सफलता मिले, उसके ऊपर माँ लक्ष्मी कि सदैव कृपा बनी रहे, इसके लिए वह दिन रात मेहनत करता […]

पञ्चमहापुरुष योग | Pancha Mahapurush Yoga

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में पञ्चमहापुरुष योग | Pancha Mahapurush Yoga | कौनसी योग पञ्चमहापुरुष योग कहलाता है? १- रूचक योग (Ruchak Yog) जन्मकुण्डली में अगर मंगल अपनी राशि का होकर मूल त्रिकोण में अथवा उच्च राशि का होकर केन्द्र में स्थित हों , तो रूचक योग होता है। निष्कर्ष – रूचक योग में जन्म लेनेवाला […]

लग्न के अनुसार आपकी इष्टदेवता | Lagna ke anusar aapki Ishtadevta kaun hai

जानिये आपके इष्ट देव कौन है.. आपकी लग्न कुंडली मैं पंचम भाव का स्वामी गृह (पंचमेश ) आपके इष्ट देव है ! चाहे लाख दोष हो आपकी कुंडली मैं …गृह अच्छा फल नहीं दे रहे हो ….तो आप अपने इष्ट देव की आराधना करिये ! उनकी आराधना , उपासना , वंदना, पूजा करने से आपके […]

पितृ ऋण के कारण | Pitru Runa Ke Kaaran

पितृ ऋण के कारण, पितृ ऋण के कारण, कैसे बनते है पितृ ऋण, क्या होता है पितृ ऋण? Pitru Runa Kaaran in Hindi. पितृ ऋण के कारण व्यक्ति को मान प्रतिष्ठा के अभाव से पीड़ित होने के साथ-साथ संतान की ओर से कष्ट संतानाभाव संतान का स्वास्यि खराब होने या संतान का सदैव बुरी संगति जैसी […]

कौनसी राशि की जातक कौनसी देवता की आराधना करें | Kaunsi Rashi Ki Jathak Kaunsi Devta Ki Aradhana

जातक को किस देवता की आराधना करनी चाहिए। मेष राशि (Aries) मंगल ग्रह के अधीन है, यह राशि अग्नि तत्‍वीय, चतुष्‍पदीय चर स्‍वभाव की है। चर स्‍वभाव के कारण गतिशीलता इन जातकों का प्रमुख गुण होता है। बल की अधिकता होने के कारण इस राशि के अधिक प्रभाव वाले जातकों को मंगल के प्रतीक हनुमानजी […]

शंख का महत्त्व – शंख का स्वास्थय में, धर्म में, ज्योतिष में उपयोग | Shankh Mahatv

शंख का महत्त्व – शंख का स्वास्थय में, धर्म में, ज्योतिष में उपयोग | Shankh ka Mahatv. Importance of Shankh (Conch) in Health, Sanatan Dharma and Jyotish (Astrology). आइये जाने शंख का स्वास्थय में, धर्म में, ज्योतिष में उपयोग शंख का स्वस्थ्य में महत्व १ : शंख की आकृति और पृथ्वी की संरचना समान है […]

मन्त्रों से रोग निवारण | Mantro Se Rog Nivaran

मन्त्रों से करें रोग निवारण.. कैंसर रोग निवारण, मस्तिष्क रोग निवारण, आंखों के रोग निवारण, हृदय रोग निवारण, स्नायु रोग निवारण, कान संबंधी रोग निवारण.. कैंसर रोग “ॐ नम: शिवाय शंभवे कर्केशाय नमो नम:।” यह मंत्र किसी भी तरह के कैंसर रोग में लाभदायक होता है। मस्तिष्क रोग “ॐ उमा देवीभ्यां नम:।” यह मंत्र मस्तिष्क संबंधी विभिन्न रोगों जैसे सिरदर्द, हिस्टीरिया, याददाश्त जाने आदि […]

मनोकामनाओं हेतु वृक्ष | Manokamna hetu Vriksh

मनोकामनाओं हेतु वृक्ष – विशेष तरह के मनोकामना पूरी होने के लिए हर एक विशेष वृक्ष लगाना चाहिए. हमारे सनातन संप्रदाय में वृक्ष, पशु, पक्षी और सारी प्रकृति की भूमिका बढ़ी महत्वपूर्ण होती है. हिन्दु धर्म में अनेको वृक्षों को पूज्य मानकर उनकी पूजा की जाती है । वृक्षों से हमें बहुत से लाभ है । […]

शुभाशुभ नक्षत्र | Shubh Ashubh Nakshatra | २७ नक्षत्र की शुभ अशुभ फल

शुभाशुभ नक्षत्र – प्रत्येक की अलग अलग संख्या उनके चरणों को संबोधित करती है | जानिये नक्षत्र जिनकी शान्ति करना जरुरी है | 1).अश्विनी का- पहला चरण.(1).अशुभ है. 2).भरणी का – तिसरा चरण.(3).अशुभ है. 3).कृतीका का – तीसरा चरण.(3).अशुभ है. 4).रोहीणी का – पहला,दूसरा और तीसरा चरण.(1,2,3).अशुभ है. 5).आर्द्रा का – चौथा चरण.(4).अशुभ है. 6).पुष्य नक्षत्र का – दूसरा और तीसरा […]

कुण्डली के अशुभ योगों की शान्ति | Ashubh Yog Ki Shanti

कुण्डली के अशुभ योगों की शान्ति.. जन्मकुंडली में अशुभ योगों से कैसे छुटकारा पाये? जन्म कुंडली के अशुभयोगों की शांति. कैसे कराये कुंडली में अशुभ योगों के शांति. 1).चांडाल योग=गुरु के साथ राहु या केतु हो तो जातक बुजुर्गों का एवम् गुरुजनों का निरादर करता है ,मोफट होता है,तथा अभद्र भाषा का प्रयोग करता है.यह जातक […]

नवग्रहदेवता के पत्नी के नाम | Navgrah Devtaon ke Patni ke naam

नवग्रहदेवता के पत्नी के नाम (1) सूर्य – संध्या, छाया देवी (2) चन्द्र – रोहिणीदेवी (3 मंगल – शकितदेवी (4) बुध – इलादेवी (5) बृहस्पति – तारादेवी (6) शुक – सुकितीॅ-उजॅसवथीदेवी (7) शनि – नीला देवी (8) राहु – सीम्हीदेवी (9) केतु – चित्रलेखादेवी वेदो के पत्नी के नाम (1) ऋग्वेद – सामधेन्याः (2) यजुर्वेद […]

नक्षत्र और शरीर के अंग | Nakshatra aur Shareer Ke Ang | किस नक्षत्र शरीर की किस अंग को प्रतिनिधित्व करती है

नक्षत्र और शरीर के अंग, Nakshatra aur Shareer Ke Ang. किस नक्षत्र शरीर की किस अंग को प्रतिनिधित्व करती है. वैदिक ज्योतिष में नक्षत्रों को भी शरीर के आधार पर वर्गीकृत किया गया है. सभी नक्षत्र शरीर के किसी ना किसी अंग का प्रतिनिधित्व करते ही हैं और इन अंगों से संबंधित परेशानी भी व्यक्ति को हो जाती हैं. […]

तीन ग्रहों की युति के फल | Teen Grahon Ki Yuti Ke Phal

Teen Grahon Ki Yuti ke Phal, तीन ग्रहों की युति के फल – विभिन्न ग्रहों की युति-प्रतियुति के क्या फल हो सकते है? तीन ग्रहों की युति के परिणाम और फल – इस प्रकार होती है.. १. सूर्य+चन्द्र+बुध=माता-पिता के लिये अशुभ। मनोवैज्ञानिक। सरकारी अधिकारी। ब्लैक मेलर । अशांत। मानसिक तनाव। परिवर्तनशील। २. सूर्य+चन्द्र +केतू=रोज़गार के लिये परेशान। न […]

Fortune Tellers

In general we are considering only the astrologers as fortune tellers. But apart from them, some under privileged men who belongs to a certain community would also tell our fortunes in order to earn something for their livelihood. Kutukutupai Karar and Boom Boom Mattukaran are those fortune tellers, but they are unfortunate people, since nowadays […]

जन्म से मृत्यु तक कुंडली के 12 भाव | Kundli ke 12 Bhav

जन्म से मृत्यु तक कुंडली के 12 भाव मनुष्य के लिए संसार में सबसे पहली घटना उसका इस पृथ्वी पर जन्म है, इसीलिए प्रथम भाव जन्म भाव कहलाता है। जन्म लेने पर जो वस्तुएं मनुष्य को प्राप्त होती हैं उन सब वस्तुओं का विचार अथवा संबंध प्रथम भाव से होता है जैसे-रंग-रूप, कद, जाति, जन्म […]

कौन सी बर्तन में भोजन करने से क्या लाभ और क्या हानि

कौन सी धातु के बर्तन में भोजन करने से क्या क्या लाभ और हानि होती है……. *सोना* सोना एक गर्म धातु है। सोने से बने पात्र में भोजन बनाने और करने से शरीर के आन्तरिक और बाहरी दोनों हिस्से कठोर, बलवान, ताकतवर और मजबूत बनते है और साथ साथ सोना आँखों की रौशनी बढ़ता है। […]

भविष्यकथन में षड्बल का महत्व | Bhavishyaphal mein Shadbhal ka Mahatv

भविष्यकथन में षड्बल का महत्व | Bhavishyaphal mein Shadbhal ka Mahatv…. भविष्यकथन में ग्रह बल की गणना अति आवश्यक है। यदि ग्रह योगकारक है तो वह पूर्ण फल तभी दे सकता है जब वह बली हो। मारक ग्रह निष्फल हो सकता है यदि वह निर्बल हो। इस बलाबल को जानने के लिए ज्योतिष की सर्वोत्कृष्ट […]

आपका लग्न और इष्टदेवता मंत्र | Aapka Lagna & Ishta Dev Mantra

ईष्ट मन्त्र इष्ट का बड़ा महत्व होता है। यदि इष्ट का साथ मिल जाए तो जीवन की मुश्किलें आसान होता चली जाती हैं। कुंडली में कितने भी कष्टकर योग हो, इष्ट की कृपा से जीवन आसान हो जाता है। अतः हर व्यक्ति को अपने इष्ट और उसके मन्त्र की जानकारी होना जरूरी है। लग्न कुंडली […]

गंडमूल नक्षत्र | गण्डमूल विचार | गण्डमूल नक्षत्र का प्रभाव

रेवती, अश्विनी, अाश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा एवं मूला नक्षत्रों को गंडमूल नक्षत्र कहलाते है | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह नक्षत्र में उत्पन्न जातक स्वयं अपने या माता, पिता के स्वास्थ्य, व्यवसाय एवं उन्नति आदि के सम्बन्ध में अशुभ मानते है | गंडमूल नक्षत्र में उत्पन्न जातक के नक्षत्र की लगभग २७ दिन पश्चात उसी नक्षत्रकाल […]