मनोकामनाओं हेतु वृक्ष | Manokamna hetu Vriksh

मनोकामनाओं हेतु वृक्ष – विशेष तरह के मनोकामना पूरी होने के लिए हर एक विशेष वृक्ष लगाना चाहिए. हमारे सनातन संप्रदाय में वृक्ष, पशु, पक्षी और सारी प्रकृति की भूमिका बढ़ी महत्वपूर्ण होती है.

हिन्दु धर्म में अनेको वृक्षों को पूज्य मानकर उनकी पूजा की जाती है । वृक्षों से हमें बहुत से लाभ है । इनसे हमें आक्सीजन मिलती है। इनसे हमें तरह तरह के फल, फूल और औषधीयों की प्राप्ति होती है। वर्षा कराने में भी इनका बहुत बड़ा योगदान है । यह वृक्षों की लकड़ी का हवन में भी प्रयोग किया जाता है । इन वृक्षों से हमें मानसिक, आध्यात्मिक और औषधीय लाभ की प्राप्ति भी होती है । इसलिए मान्यता है कि हर मनुष्य को जीवन में वृक्ष लगाकर उनकी सेवा अवश्य ही करनी चाहिए । लेकिन क्या आप जानते है कि वृक्षों को लगाने से हमारी मनोकामनाएँ भी पूर्ण हो सकती है । जी हाँ हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार अलग अलग मनोकामनाओं के लिए अलग अलग वृक्ष / पौधे बताये गए है जिन्हे लगाकर हम अपनी अभीष्ट सिद्धि को प्राप्त कर सकते है ।

जानिए जीवन में किस कामना की पूर्ति हेतु कौन-सा वृक्ष लगाएं :

माना जाता है कि लक्ष्मी प्राप्ति के लिए हमें तुलसी, आंवला, बिल्वपत्र एवं केले का वृक्ष लगाना चाहिए ।

आरोग्य प्राप्ति के लिए तुलसी, ब्राह्मी, आंवला, पलाश, अर्जुन और सूरजमुखी का पौधा लगाना श्रेष्ठ है ।

सौभाग्य प्राप्ति के लिए अशोक, अर्जुन, नारियल एवं वट वृक्ष ( बरगद का पेड़ ) लगाना चाहिए ।

उत्तम संतान प्राप्ति के लिए दंपत्ति को बिल्व, नागकेशर, गु़ड़हल, अश्वगंधा, पीपल एवं नीम का पेड़ लगाना चाहिए ।

ज्ञान एवं बुद्धि की वृद्धि के लिए तुलसी, शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी आंकड़ा का पौधा लगाना श्रेष्ठ है ।

सुख सौभाग्य, आनंद की प्राप्ति के लिए हरसिंगार (पारिजात) रातरानी, मोगरा, गुलाब, कदम्ब, नीम, और घने छायादार वृक्ष लगाने चाहिए ।

शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति अपने जीवन में एक पीपल, एक नीम, एक इमली, तीन कैथ, तीन बेल, तीन आंवला और पांच आम के पेड़ लगाकर उनकी सेवा करता है , वह बहुत ही भाग्यशाली होता है उसे इस संसार में सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है, उसके परिवार में प्रेम बना रहता है और वह कभी नरक के दर्शन नहीं करता। अत: सभी मनुष्यों को शीघ्र से शीघ्र इन वृक्षों को अवश्य ही लगाना चाहिए ।

अत: इससे स्पष्ट है कि जीवन में सर्वाधिक लाभ और मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु तुलसी, आंवला, ब्राह्मी, पलाश, अर्जुन, सूरजमुखी, बिल्वपत्र , नागकेशर, गु़ड़हल, अश्वगंधा, शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी, आंकड़ा, हरसिंगार (पारिजात) रातरानी, मोगरा, गुलाब आदि आसानी से सुलभ होने वाले पौधों को ज्यादा से ज्यादा लगाएं । यह अपने घरों के चारदीवारी / गमलो में अथवा सार्वजानिक स्थानो में कहीं भी आसानी से लगाये जा सकते है । उपरोक्त वृक्षों में पीपल, वट वृक्ष, नारियल और केले के वृक्षों को घर की चारदीवारी के अंदर नहीं लगाना चहिये।

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