Importance of daan or charity or donating various things on surya sankranti (surya sankraman) is explained here in Hindi. This article is written by Aman Jindal, a regular visitor of Hindupad.com. Please go on and read for full details about Surya Sankraman daan.
सूर्य संक्रान्ति में दान का महत्व षड्शिती , विष्णुपदी , उत्तरायण एवं दक्षिणायन
व्यासजी ने वैशम्पायनजी से कहा :-कश्य्यप मुनि के अंश और अदिति के गर्भ से उत्पन्न होनेके कारन सूर्य
आदित्य नाम से प्रसिद्द हुए | सूर्य बारह स्वरुप धारण करके बारह
महीनो बारह राशियों में संक्रमण करते रहते है | उनके संक्रमण (Transit) से ही
संक्रान्ति होती है |
मुने संक्रान्तियो में पुण्य कर्म करने से लोगो को जो फल मिलता है वह सब
हम बतलाते है | धन (SAGITTARIUS)(16 December 2011) , मिथुन (GEMINI) (15 June 2011) , मीन (PISCES)(15 March 2011) और कन्या (VIRGO)(17 September 2011) रशिकी संक्रान्ति को षड्शिती कहते है | तथा वृष (TAURUS)(15 may 2011) , वृश्चिक (SCORPIO)(17 November) , कुम्भ (AQUARIUS) (February 13) और सिंघ (LEO)(17 August) राशिपर जो सूर्य की संक्रान्ति होती है उसका नाम विष्णुपदी कहते है |
षड्शिती नामकी संक्रान्ति में किये हुए पुण्य कर्म का फल छियासी हजारगुना ,
विष्णुपदी में लाख गुना और उत्तरायण या दक्षिणायन आरम्भ होनेके दिन
कोटि कोटि गुना अधिक होता है | दोनों अयनो के दिन जो कर्म किया जाता है
वह अक्षय होता है | मकर (CAPRICORN)( 14 January 2011) संक्रान्ति ( माघ मॉस की संक्रान्ति ) में सूर्योदय के पहले स्नान करना चाहिए | इससे दस हज़ार गो दान का फल प्राप्त होता है | उस समय किया हुआ तर्पण , दान और देव पूजन अक्षय होता है | विष्णुपदी नामक संक्रान्ति
में किये हुए दान को भी अक्षय बताया गया है | दाता को प्रत्येक जन्म में
उत्तम निधि की प्राप्ति होती है | शीतकाल में रुई दार वस्त्र दान करने से शरीरमें कभी दुःख नहीं होता | तुला दान और शय्या दान दोनों का फल अक्षय है |
माघ मॉस के कृष्ण पक्ष की अमावस्या ( 2nd February 2011) को सूर्योदय के पहले जो जल और तिल से पितरो का तर्पण करता है वह स्वर्ग में अक्षय सुख भोगता है |
ब्राह्मण को भोजन के योग्य अन्न देने से भी अक्षय स्वर्ग की प्राप्ति होती है |
जो उत्तम ब्राह्मण को अनाज , वस्त्र , घर आदि दान करता है उसे लक्ष्मी
कभी नहीं छोडती | माघ मॉस के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मन्वंतर
तिथि कहते है | उस दिन जो कुछ दान किया जाता है वेह सब अक्षय बताया
गया है | पद्म पुराण ( सृष्टि खंड :- सूर्य सक्रांति में दान का महत्व )
story on importance of daan in hindi language