हम अक्सर देखते हैं कुछ एक घरों में एक न एक व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त रहता है। जिसकी वजह से घर के सभी सदस्यों को चिन्ता रहती है।
हमारे यहाॅ कुछ ऐसे टोटटे बताये गये है जिनको करने से अपने परिवार सभी लोगों की हेल्थ रहती है। ध्यान रखें की टोटको के साथ साथ किसी अच्छे डाॅक्टर से दवाई लेना अनिवार्य है।
1 आपने कई बार ऐसा देखा होगा कभी कभी बीमारियों में दवाई असर करना बन्द कर देती है और हम एक डाॅक्टर से दूसरे डाॅक्टर के पास भागते रहते है। ऐसी समस्या से बचने के लिए आपको एक गोमती चक्र की आवश्यकता होगी । इस गोमती चक्र को आप एक चाॅदी के तार में डालकर इसको वीमार व्यक्ति के वैड या चारपाई में बाॅध दें। ऐसा करने से दवाइयाॅ तेजी से असर करने लगती है और व्यक्ति शीध्र्र्र ही स्वस्थ होने लगता है।
2 यदि आपके परिवार में कोई व्यक्ति काॅफी समय से दवाई खा रहा है लेकिन उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा है तो आप दवाई के साथ साथ यह उपाय करना चाहिए। रविवार के दिन कुछ गेहॅू के आटे का एक पेड़ा बना लीजिए। अव एक वर्तन में जल व पेड़ा को वीमार व्यक्ति के सर के चारो ओर घुमाकर, जल को किसी पौधे पर चढ़ा दे और पेड़े किसी गाय का खिलायें। ऐसा आपको तीन तक करना है मतलव रविवार, सोमवार, तथा मंगलवार।
3 एक काला या लाल धागा वीमार व्यक्ति के बराबर लें अर्थात धागे को वीमार व्यक्ति से नाप ले और धागे का तोड़ लें। अव इस धागे को आप किसी पीपल के वृक्ष पर लपेट दे यह कार्य आपको अमावस्या या शनिवार के दिन करना है। तागे को लपेटते समय आपको भगवान से वीमार व्यक्ति के जल्दी ठीक होने की कामना करना चाहिए। ऐसा करने से आप देखेगंे की वीमार व्यक्ति की हालत में वहुत जल्दी ही सुधार होने लगेगा।
4 यदि आप सूर्य अस्त होने के समय एक दीपक को अपने घर में उस जगह पर जलाते है जहाॅ पानी का संग्रह होता है तो जल तथा आकाश से होने वाली समस्त वीमारियाॅ दूर हो जाती हैं।
5 यदि आप चाहते है कि आपको हर प्रकार के दोषों से छुटकारा मिल जाये तो आपको सूर्य देव का अध्र्य देना चाहिये और ’’ओम् घृणी सूर्य आदित्याय सर्व दोष निवारण नमः’’ मंत्र का जाप 11 वार सूर्य उदय के समय करना चाहिए।
6. यदि आपका बच्चा वार वार बीमार हो जाता है तो आपको यह उपाय अवश्य करना चाहिए। इस उपाय को करने के लिए आपको शुक्ल पक्ष की अष्ठमी के दिन का चुनाव करना होगा। इस दिन आप आठ गोमती चक्र एक लाल कपड़े पर रखे और इस कपड़े को माॅ भगवती के विग्रह के समक्ष रखें और माॅ का ध्यान करें अब आपको गोमती चक्र का तिलक कुमकुम और धूप की भभूती से करना और दीप जलाना है। और ’’ ओम् ऐं हृीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’’ मंत्र का जाप 11 माला करना है। अब आप तीन गोमती चक्र को एक लाल कपड़े में इस तरह बाॅध ले जैसे कोई ताबीज होता है। अब इस ताबीज को दीपक व धूप दिखायें और अपने बच्चे के गले में डाल दें। जो गोमती चक्र वच गये हैं उन्हे अपने बच्चे के ऊपर से चारो ओर 11 वार धुमाकर किसी सूनसान जगह पर एक गढ्ढे मंे दवा दें। ऐसा करने से आपके बच्चे का स्वाथ्य ठीेेक रहेगा वह वार वार वीमार नहीं पड़ेगा।