Pauranic Importance of Chaitra Maas from Bhavishya Puran in Hindi

This article explains the pauranic importance of Chaitra maas from Bhavishya Puran in Hindi. It is a guest post of one of the regular readers of Hindupad, Aman Jindal.  

26 March 2011, Saturday :-चैत्र  मॉस  के  कृष्ण  पक्ष  की  अष्टमी  यदि शनिवार या शतभिखा  नक्षत्र  से  युक्त  हो  तो  गंगा  में  स्नान  करनेसे  सैंकड़ो   सूर्य  ग्रहण  का  फल  मिलता  है

31 March 2011, Thrusday:- चैत्र  मॉस  के  कृष्ण  पक्ष  की  त्रयोदशी  यदि  शनिवार  को  या शतभिखा नक्षत्र से  युक्त  हो  तो  वह  महा  वारुनी  पर्व  कहलाता  है  | इसमें  किया  गया  स्नान  दान  एवं  श्राद्ध  अक्षय  होता  है |

6 April 2011, Wednesday :- चैत्र  शुक्ल तृतीय:- मन्वंतर तिथि | इस दिन किये गए स्नान दान जप आदि का अनंत फल प्राप्त होता है |

11 April 2011, Monday:- चैत्र  मॉस के  शुक्ल  पक्ष  की  अष्टमी  में  अशोक  पुष्प  से  मृग्मयी भगवती  देविका  अर्चन  करने  से  संपूर्ण शोक  निवृत  हो  जाते  है |

16 April 2011, Saturday:-  चैत्र  मॉस  के  शुक्ल  पक्ष  की  त्रयोदशी में  पुष्पों  से  काम  देव  की  पूजा  करे  इसे  अनंग  त्रयोदशी  भी  कहते  है |

18 April 2011, Monday:- चैत्र  मॉस  की  पूर्णिमा  चित्र  नक्षत्र ( इस बार की पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र से युक्त है )  तथा  गुरूवार  से  युक्त  हो  तो  वह महा  चैत्री  कहलाती  है |

वह  अनंत पुण्य  प्रदान  करने  वाली  है | चैत्र  पूर्णिमा को मन्वंतर  मन्वंतर तिथि भी कहते है | इस दिन किये गए स्नान दान जप आदि का

अनंत फल प्राप्त होता है |

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