रचन: रबीन्द्रनाथ् ठागोर्
तव शुभनामे जागे!
तव शुभ आशिष मागे!
गाहे तव जय गाथा!
जनगण मङ्गलदायक जयहे भारत भाग्यविधाता!
जयहे! जयहे! जयहे! जय जय जय जयहे!
रचन: रबीन्द्रनाथ् ठागोर्
तव शुभनामे जागे!
तव शुभ आशिष मागे!
गाहे तव जय गाथा!
जनगण मङ्गलदायक जयहे भारत भाग्यविधाता!
जयहे! जयहे! जयहे! जय जय जय जयहे!